"महाराणा लक्षसिंह (महाराणा लाखा)"
* पिता - महाराणा क्षेत्रसिंह
* राज्याभिषेक - 1382 ई.
* महाराणा क्षेत्रसिंह का बूंदी के साथ जो बिगाड़ हुआ, वो महाराणा लाखा के समय समाप्त हुआ और बूंदी ने मेवाड़ से वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित कर आपसी बैर मिटाया
* महाराणा लाखा के समय जावर में चाँदी व सीसे की खान निकली, जिससे राज्य को बड़ा फायदा हुआ
* नागरचाल के मालिक किसी सांखला राजपूत को महाराणा ने आमेर में पराजित किया
* महाराणा लाखा के समय किसी बनजारे ने पिछोला झील (उदयपुर में स्थित) का निर्माण करवाया
(फोटो में पिछोला झील दिखाई गई है)
* महाराणा लाखा की माता सोलंकिनी द्वारिकानाथ के दर्शनों को पधारीं | काठियावाड़ पहुंचने पर एक लूटेरी कौम काबों ने हमला कर दिया | मेवाड़ी राजपूतों ने बहादुरी दिखाई, पर काबों की संख्या ज्यादा थी |
तभी सार्दुलगढ़ के राव सिंह डोडिया ने अपनी फौज के साथ मेवाड़ी फौज का साथ दिया और वीरगति को प्राप्त हुए |
राव सिंह डोडिया के पुत्र कालू और धवल ने काबों को पराजित किया और महाराणा की माता को सुरक्षित मेवाड़ की सीमा में पहुंचाकर चले गए |
महाराणा को अपनी माता से इस घटना का पता चला, तो उन्होंने धवल को चित्तौड़ बुलाकर उन्हें रत्नगढ़, नंदराय, मसौदा की जागीर दी
* 1387 ई. में महाराणा लाखा ने डोडियों को अपना उमराव बनाया
* महाराणा लाखा की माता जब गयाजी के दर्शनों को पधारीं, तो महाराणा ने धवल डोडिया को बहुत सी फौज देकर साथ में भेजा
इस बार छप्पर घाटा के हाकिम शेर खां से लड़ाई हुई
धवल डोडिया ने शेर खां को पराजित किया
* दिल्ली के बादशाह गयासुद्दीन तुगलक ने मेवाड़ पर हमला किया
बदनौर में हुए इस युद्ध में
धवल डोडिया अपने बेटे हरु सहित वीरगति को प्राप्त हुए
और बादशाह गयासुद्दीन तुग़लक़ युद्ध हारकर भाग निकला
महाराणा लाखा ने गया तक उसका पीछा किया
गयासुद्दीन तुगलक गया में कर वसूल करता था
महाराणा ने गया में ये कर बन्द करवाया
* 1406-07 ई. में महाराणा लाखा का देहान्त हुआ
(इन महाराणा का देहान्त 1397 ई. में बताना कर्नल जेम्स टॉड की गलती है व 1420 ई. में बताना कवि लोगों की गलती है)
* इन महाराणा के 9 पुत्र हुए -
1) कुंवर चुण्डा - इनके वंशज चुण्डावत कहलाए
2) कुंवर राघवदेव
3) कुंवर अज्जा - इनके पुत्र सारंगदेव हुए और सारंगदेव के वंशज सारंगदेवोत कहलाए
4) कुंवर दूल्हा - इनके वंशज दुल्हावत कहलाए
5) कुंवर डूंगरसिंह - इनके वंशज मांडावत कहलाए
6) कुंवर गजसिंह
7) कुंवर लूणा - इनके वंशज लूणावत कहलाए
8) महाराणा मोकल - इनका इतिहास अगले भाग में लिखा जाएगा
9) कुंवर बाघसिंह
- तनवीर सिंह सारंगदेवोत ठि. लक्ष्मणपुरा (बाठरड़ा-मेवाड़)
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