1433 ई.महाराणा मोकल भी मेवाड़ी फौज के साथ चित्तौड़ से निकलेमहाराणा के साथ चाचा व मेरा (महाराणा क्षेत्रसिंह की अवैध सन्तानें) भी थे, जो महाराणा को मारने की फिराक में थे* महाराणा मोकल ने बागौर में पड़ाव डालाचाचा व मेरा ने महाराणा के बहुत से आदमियों को अपनी तरफ मिला लिया, पर मलेसी डोडिया ने महाराणा का साथ नहीं छोड़ाचाचा, मेरा व महपा पंवार ने अपने 20-30 आदमियों के साथ महाराणा के खेमे में प्रवेश करना चाहा, पर डोडिया मलेसी ने रोकने की कोशिश कीसब लोग महाराणा के खेमे में पहुंचेमहाराणा मोकल, महारानी हाड़ी व मलेसी डोडिया..... ये तीनों कुल 19 दगाबाजों को मारकर वीरगति को प्राप्त हुएचाचा व महपा पंवार जख्मी होकर अपने बाल-बच्चों समेत कोटड़ी चले गए
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