हस्सनअलीखां जंगी फौज लेकर पहाडों में घुस आया और ऊंदरी, पेई, कोटड़ा और गोराणाकी नालमें होता हुआ झाड़ोल पहुंचा। महाराणा राज सिंह ने रावत रतन सिंह चुंडावत कृष्णावत रघुनाथसिहोत, सलूम्बर व पारसौली के चौहान राव केसरी सिंह, चुंडावत रावत महासिंह मेघावत राजसिंहोत और सरदारगढ़ के डोडिया ठाकुर नवल सिंह, चारोंको एक फ़ौजके साथ लड़ने के लिए भेजा. इन्होंने रातमें दुश्मन की फौज पर छापा मारा.
राजसमुद्र की प्रशस्ति में हस्सनअलीखां के साथ दूसरे सरदार अब्दुलखां का नाम लिखा है, परंतु फ़ारसी तवारीख में इसका नाम कहीं नही है, अलबत्ता यक्का ताजखां जिसे की आलमगीर ने उदयपुर के मंदिर तोड़ने पर मुकर्रर किया था, उसके तीन बेटों में से एक का नाम अब्दुलखां था, शायद वेहि हस्सनअलीखां के साथ हो. इस लड़ाई से शाही फौज का ज्यादा नुकसान हुआ और हस्सनअलीखां जान बचाकर बादशाह के पास पहुंचा.
डोडिया ठाकुर नवल सिंह अपने पुत्र मुहकम सिंह और कृष्णा सिंह समेत इस लड़ाई में बड़ी बहादुरी के साथ काम आए।
इस लड़ाई के बाद महाराणा राज सिंह जी ने नाही व कोटड़े ग्राम में आकर अपने सब सरदारों को हुकुम दिया कि मेवाड़ में जो मुसलमान ने थाने बिठाएँ है, एकदम सब उठा दो. औरंगज़ेब अपनी फौज का नुकसान सुनकर उदयपुर से चितोड़ की तरफ रवाना हो गया।
“Rana barred the roads in such a way that the Moguls, now surrounded by mountains, could find no exit, nor knew they where to pass.”
- Manuccie wrote
“Aurangzeb was amazed at finding himself by one stroke thus encircled, unable to move either forward or backward.
Thus Aurangzeb, as well as his army, had to content himself with a little Khichri.”
Aurangzeb was stuck in Debari for 21 days.
HasanKuli Khan who was sent after Maharana entered in the hills and reached Jhadol. Chauhan, Chundawats and Dodiya Rajputs attacked Mughals during the night.
Dodiya Naval Singh, along with his sons Muhkam Singh and Krishna Singh died fighting in this battle of Jhadol.
A lot of Mughals were killed but HasanKuli Khan managed to run away with his life and complained to Aurangzeb that
“Hindus attack us in small groups at various places, they are in their backyard and we can’t even find a place to halt. We should move towards Chittorgarh.”
Mughals then moved towards Chittorgarh.
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